RTO कार्यालय का निजीकरण हुआ, सरकारी नहीं प्राइवेट रेट पर होते हैं काम: शिकायत

RTO कार्यालय का निजीकरण हुआ, सरकारी नहीं प्राइवेट रेट पर होते हैं काम: शिकायत







शिवपुरी। शिवपुरी आरटीओ आफिस से जुडी एक बडी खबर आ रही हैं कि जानलेवा भ्रष्टाचार के नाम की उपाधि से जानी वाली शिवपुरी आरटीओ ने अपने आफिस का पूर्णत:प्राईवेटीकरण कर दिया हैं,अब यहां शासकीय दरें नही बल्कि प्राईवेट रेट जारी हो चुकी हैं।

बीते मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में एक शिकायत की गई। शिकायत में शिकायतकर्ता के द्धवारा बताया गया कि आफिस में आरटीओ मेडम नही मिलती हैं सभी काम प्राईवेट लोगो के माध्यम से किया जाता हैं। अगर कोई काम जायज है तो उसमे सो खामिया निकालकर उसे परेशान किया जाता हैं जिससे वह प्राईवेट लोगो के माध्यम से अपना काम करावे।

पढिए शिकायतकर्ता का शिकायत आवेदन


प्रार्थी मदन सिंह खटीक निवासी शिवपुरी निजी बस आपरेटर है प्रार्थी की परिवार सहित लगभग 18 बसे संचालित हैं। प्रार्थी द्वारा जब भी पार्टी परमिट या बारात का परमिट बनवाने हेतु फीस व टैक्स जमा कर आवेदन प्रस्तुत किया जाता है तो स्थानीय आर.टी.ओ मधु सिंह व उनके आफिस के बाबू नीरज लिखार, पुरूषोत्तम बाथम व इनके द्वारा प्राईवेट लगाये गये दलाल स्मार्ट शाखा में कार्यरत राकेश सेन कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा मेरे परमिट आदि के कार्यो में अडंगा लगाया जाता है।

जबकि प्रार्थी पर पिछले 16 वर्षो से कभी टेक्स बकाया ना होने के कारण कोई कार्यवाही नहीें हुई है और दबंग लोगों से टैक्स बकाया होने की स्थिति में भी कोई कार्यवाही नहीं की जा जाती। प्रार्थी से जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर प्रार्थी को बेइज्जत किया जाता है व आफिस से वाहर निकाल दिया जाता है। बीते दि. 10/02/20 को भी प्रार्थी को बाहर पर टैक्स बकाया बताकर किया गया था।

टैक्स बकाया होने की स्थिति में परमिट आवेदन आनलाईन नहीं जमा होता है। कल प्रार्थी से मधु सिंह द्वारा यहां तक कहा गया कि जाओ टी.सो.से मेरी कुछ नहीं होगा, मेरे परिवहन मंत्री रिश्तेदार है। मधु सिंह अपने मुख्यालय पर उपस्थित नहीं रहती है, प्राईवेट लोगों द्वारा सुविधा शुल्क मैडम का प्राप्त कर फायलें व समस्त दस्तावेज ग्वालियर भेजे जाते हैं तथा कार्यालय में पदस्त बाबू पुरूषोत्तम बाथम नीरज लिखार ये रोजाना ग्वालियर आप डाउन करते हैं थे भी मुख्यालय पर समय पर उपस्थित नहीं रहते है। इस आफिस में जनता के नही दलालो के काम फटाफट होते हैं।

 

इस शिकायत को अगर सीधे-सीधे शब्दों में लिखे तो आरटीओ आफिस का प्राईवेटिकरण किय जा चुका हैं। बस इतना लिखना बाकी हैं कि जनता से विनम्र निवेदन हैं कि आरटीओ आफिस में सीधे-सीधे न आए दलालो के माध्यम से आए। कृपया सीधे-सीधे आकर अपना और हमारा समय खराब ने करे।


बताया जा रहा हैं कि अब आरटीओ आफिस में कामो की रेट भी अघोषित जारी हो चुकी हैं। बिना रिश्वत के यहां कोई काम नही होता हैं ओर होगा भी कैसे जब आरटीओ मधुसिंह आफिस में नही बैठती हैं। ऐसी कई शिकायते अभी तक आरटीओ मधुसिंह की जा चुकी हैं। लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नही हुई हैं।