श्वेता विजय, अभिषेक और आरती पर चलेगा मानव तस्करी का केस, सबूतों के अभाव में श्वेता स्वप्निल जैन दोषमुक्त

श्वेता विजय, अभिषेक और आरती पर चलेगा मानव तस्करी का केस, सबूतों के अभाव में श्वेता स्वप्निल जैन दोषमुक्त


भोपाल। हनीट्रैप से जुड़े मानव तस्करी के मामले में जिला अदालत ने बुधवार को श्वेता विजय जैन, अभिषेक सिंह और आरती दयाल पर आरोप तय कर दिए हैं। तीनों के खिलाफ इस मामले में अब ट्रायल चलेगी। वहीं कोर्ट ने एक अन्य आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन को इस मामले से दोषमुक्त कर दिया है। गौरतलब है कि सीआईडी ने 27 दिसंबर 2019 को मानव तस्करी केस में चार आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इस मामले में मोनिका यादव का बयान अहम था। जांच एजेंसी को 29 सितंबर 2019 को मोनिका यादव उर्फ सीमा सोनी ने बयान दिया था कि वह ग्राम संवासी, तहसील नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ की रहने वाली है। मोनिका ग्रेजुएशन करने भोपाल आई थी। उसकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।


मोनिका फरवरी 2019 में अभिषेक के सम्पर्क में आई और दोनों की फोन पर बात होने लगी। एनजीओ में काम करने वाले अभिषेक ने मोनिका को आर्थिक मदद के बहाने अवैध कार्य में लगाया। मामले में पेश चालान और दस्तावेजों में पाए गए साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 370, 370-ए व 120-बी के तहत आरोप तय किए। उनके के खिलाफ ट्रायल प्रेग्राम 18 फरवरी को अदालत में पेश होगा।


न्यायाधीश भरत कुमार व्यास ने आदेश में लिखा- "चालान में पेश दस्तावेजों में यह स्पष्ट है कि अभिषेक ने पीड़िता मोनिका को पैसे का लालच देकर बहलाया था। उसे अनैतिक कार्य में लगाने के लिए श्वेता विजय जैन व आरती ने लेन-देन किया। तीनों आरोपियों की आपसी सहमति से यह सब हुआ।"


इसलिए बच गई श्वेता स्वप्निल जैन
कोर्ट ने कहा कि श्वेता स्वप्निल जैन के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप है, लेकिन उसके कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। चालान में इस बात का भी कहीं जिक्र नहीं है कि श्वेता विजय जैन, आरती व अभिषेक के साथ मिलकर श्वेता स्वप्निल ने पीड़िता पर कोई दबाव बनाया। केस में कई ऑडियो, वीडियाे, सीडी या अन्य दस्तावेज पेश किए गए। मोनिका यादव ने बयान में कहा था कि उसे इस बात की जानकारी थी कि श्वेता स्वप्निल के कई बड़े अधिकारियों से पहचान है। चालान में इसका जिक्र है।


27 दिसंबर 19 को पेश चालान में हुए थे खुलासे



  • गैंग ने आईएएस अफसर पीसी मीणा से 20 लाख और एक अन्य आईएएस से 1 करोड़ रु. वसूले थे। व्यापारी नरेश सीतलानी, ऑटोमोबाइल शोरूम के संचालक मनीष अग्रवाल को भी ब्लैकमेल किया था। दो मंत्रियों के ओएसडी हरीश खरे व अरुण निगम के अंतरंग वीडियो की भी जानकारी थी।

  • श्वेता विजय, आरती और अभिषेक सिंह ने मोनिका को भोपाल के अच्छे कॉलेज में पढ़ाने के बहाने और आर्थिक मदद कर बहला- फुसलाकर दैहिक शोषण एवं ब्लैकमेलिंग के धंधे में शामिल किया था।

  • आरती दयाल ने मोनिका को दी थी धमकी कि किसी को बताया तो अफसरों के साथ उसकी अश्लील वीडियो क्लीपिंग वायरल कर देंगे। 


हनीट्रैप केस में चलेगा मुकदमा


नगर निगम इंदौर के अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह की शिकायत पर आरती व अन्य के खिलाफ 419, 420, 384, 506, 120बी का मामला दर्ज किया गया था। इनमें श्वेता स्वप्निल जैन भी शामिल है। सभी के खिलाफ इंदौर में केस जारी रहेगा।


हनीट्रैप केस- एसआईटी ने 350 पेज के दस्तावेज आयकर विभाग को सौंपे


हनीट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मामले से जुड़े लगभग 350 पेज के दस्तावेज आयकर विभाग को सौंप दिए हैं। दस्तावेज देने में आनाकानी कर रही एसआईटी को दो दिन पहले हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने जमकर फटकार लगाई थी। इसके बाद एसआईटी ने आयकर के अफसरों को बुलाकर दस्तावेज उपलब्ध करा दिए हैं। जानकारी के मुताबिक एसआईटी को पत्र लिखकर विभाग ने हनीट्रैप से जुड़े दस्तावेज मांगे थे।


वह हनीट्रैप गिरोह के लेन-देन की जानकारी लेना चाह रहा था। तब एसआईटी ने यह कहकर दस्तावेज देने से मना कर दिया था कि मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में की जा रही है, इसलिए हाईकोर्ट के निर्देश पर दस्तावेज दिए जाएंगे। उसके बाद आयकर विभाग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दस्तावेज दिलाने का आग्रह किया था। याचिका को स्वीकार करते हुए एसआईटी को दस्तावेज मुहैया कराने के निर्देश दिए थे।